۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
रहबर

हौज़ा/हमें इस बुनियादी उसूल को कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा फ़रीज़ा है इस्लाम को पूरी तरह लागू करना इस बात में शक नहीं कि अल्लाह की मदद उस वक़्त मिलेगी जब हम अल्लाह के दीन की मदद करेंगें

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली खामेनेई ने कहां,हमें इस बुनियादी उसूल को कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा फ़रीज़ा है इस्लाम को पूरी तरह लागू करना इस बात में शक नहीं कि अल्लाह की मदद उस वक़्त मिलेगी जब हम अल्लाह के दीन की मदद करेंगे।

(अगर तुम अल्लाह की मदद करोगे तो अल्लाह तुम्हारी मदद करेगा, सूरए मोहम्मद, आयत-7) इससे ज़्यादा साफ़ स्पष्ट बात और क्या होगी। यानी अल्लाह के दीन की मदद कीजिए, (अल्लाह तुम्हारे क़दमों को मज़बूती अता करेगा, सूरए मोहम्मद, आयत-7)

(बेशक अल्लाह उसकी मदद करेगा जो अल्लाह के दीन की मदद कर रहा है, (सूरए हज, आयत-40) यह ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें बहुत ही ताकीद के साथ बयान किया गया है। यह अल्लाह के वादे हैं, जिसकी ओर से लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

अल्लाह के बारे में बदगुमानी न रखो, सूरए फ़त्ह, आयत-6) अगर कोई इंसान यह सोचे कि अल्लाह अपना वादा पूरा नहीं करता, तो यह अल्लाह के बारे में बहुत बड़ी बदगुमानी है। अल्लाह ने सूरए फ़त्ह में उन लोगों को अपने क्रोध का पात्र क़रार दिया है जो इस तरह की बदगुमानी रखते हैं।

इमाम ख़ामेनेई,

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